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जून, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

टिकट कहाँ है

" टिकट कहाँ है ? " -- टी सी ने बर्थ के नीचे छिपी लगभग तेरह - चौदह साल की लडकी से पूछा । " नहीं है साहब।"काँपती हुई हाथ जोड़े लडकी बोली। "तो गाड़ी से उतरो।" टी सी ने कहा । इसका टिकट मैं दे रहीं हूँ । ............पीछे से ऊषा भट्टाचार्य की आवाज आई जो पेशे से प्रोफेसर थी । "तुम्हें कहाँ जाना है ?" लड़कीसे पूछा " पता नही मैम ! " " तब मेरे साथ चल बैंगलोर तक ! " " तुम्हारा नाम क्या है ? " " चित्रा ! " बैंगलोर पहुँच कर ऊषाजीने चित्रा को अपनी ऐक पहचान के स्वंयसेवी संस्थान को सौंप दिया । जल्द ही ऊषा जी का ट्रांसफर दिल्ली होने की वजह से चित्रा से कभी कभार फोन पर बात हो जाया करती थी । करीब बीस साल बाद ऊषाजी को एक लेक्चर के लिए सेन फ्रांसिस्को ( अमरीका) बुलाया गया । लेक्चर के बाद जब वह होटल का बिल देने रिसेप्सन पर गई तो पता चला पीछे खड़ी एक खूबसूरत दंपत्ति ने बिल भर दिया था । "तुमने मेरा बिल क्यों भरा ? ? " " मैम साहब, यह बम्बई से बैंगलोर तक के रेल टिकट के सामने कुछ नहीं है । " "

मंदिर

एक पाँच छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मंदिर के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर भगवान से न जाने क्या मांग रहा था । कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे । बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था । जैसे ही वह उठा एक अजनबी ने बढ़ के उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा और पूछा : - "क्या मांगा भगवान से" उसने कहा : - "मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग, मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र, मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे".. "तुम स्कूल जाते हो"..? अजनबी का सवाल स्वाभाविक सा सवाल था । हां जाता हूं, उसने कहा । किस क्लास में पढ़ते हो ? अजनबी ने पूछा नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ । बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है । बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था । "तुम्हारा कोई रिश्तेदार" न चाहते हुए भी अजनबी बच्चे से पूछ बैठा । पता नहीं, माँ

संघर्ष और सफलता

पिकासो (Picasso) स्पेन में जन्मे एक अति प्रसिद्ध चित्रकार थे। उनकी पेंटिंग्स दुनिया भर में करोड़ों और अरबों रुपयों में बिका करती थीं...!! एक दिन रास्ते से गुजरते समय एक महिला की नजर पिकासो पर पड़ी और संयोग से उस महिला ने उन्हें पहचान लिया। वह दौड़ी हुई उनके पास आयी और बोली, 'सर, मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूँ। आपकी पेंटिंग्स मुझे बहुत ज्यादा पसंद हैं। क्या आप मेरे लिए भी एक पेंटिंग बनायेंगे...!!?' पिकासो हँसते हुए बोले, 'मैं यहाँ खाली हाथ हूँ। मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं फिर कभी आपके लिए एक पेंटिंग बना दूंगा..!!' लेकिन उस महिला ने भी जिद पकड़ ली, 'मुझे अभी एक पेंटिंग बना दीजिये, बाद में पता नहीं मैं आपसे मिल पाऊँगी या नहीं।' पिकासो ने जेब से एक छोटा सा कागज निकाला और अपने पेन से उसपर कुछ बनाने लगे। करीब 10 सेकेण्ड के अंदर पिकासो ने पेंटिंग बनायीं और कहा, 'यह लो, यह मिलियन डॉलर की पेंटिंग है।' महिला को बड़ा अजीब लगा कि पिकासो ने बस 10 सेकेण्ड में जल्दी से एक काम चलाऊ पेंटिंग बना दी है और बोल रहे हैं कि मिलियन डॉलर की पेंटिग है। उसने वह पेंटिंग ली

बूढ़ा पिता

किसी गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति अपने बेटे और बहु के साथ रहता था । परिवार सुखी संपन्न था किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी । . बूढ़ा बाप जो किसी समय अच्छा खासा नौजवान था आज बुढ़ापे से हार गया था, चलते समय लड़खड़ाता था लाठी की जरुरत पड़ने लगी, चेहरा झुर्रियों से भर चूका था बस अपना जीवन किसी तरह व्यतीत कर रहा था। . घर में एक चीज़ अच्छी थी कि शाम को खाना खाते समय पूरा परिवार एक साथ टेबल पर बैठ कर खाना खाता था । . एक दिन ऐसे ही शाम को जब सारे लोग खाना खाने बैठे । बेटा ऑफिस से आया था भूख ज्यादा थी सो जल्दी से खाना खाने बैठ गया और साथ में बहु और उसका एक बेटा भी खाने लगे । . बूढ़े हाथ जैसे ही थाली उठाने को हुए थाली हाथ से छिटक गयी थोड़ी दाल टेबल पे गिर गयी । . बहु बेटे ने घृणा द्रष्टि से पिता की ओर देखा और फिर से अपना खाने में लग गए। . बूढ़े पिता ने जैसे ही अपने हिलते हाथों से खाना खाना शुरू किया तो खाना कभी कपड़ों पे गिरता कभी जमीन पर । . बहु चिढ़ते हुए कहा – हे राम कितनी गन्दी तरह से खाते हैं मन करता है इनकी थाली किसी अलग कोने में लगवा देते हैं , बेटे ने भी ऐसे सिर हिलाया जैसे पत्नी की बात स

कितना सत्य है ना?

कितना सत्य है ना…..? भक्ति जब भोजन में प्रवेश करती है, भोजन ” प्रसाद “बन जाता है.।              💐💐 भक्ति जब भूख में प्रवेश करती है, भूख ” व्रत ” बन  जाती है.।           💐💐 भक्ति जब पानी में प्रवेश करती है, पानी ” चरणामृत ” बन जाता है.।            💐💐 भक्ति जब सफर में प्रवेश करती है, सफर ” तीर्थयात्रा ” बन जाता है.।             🍁🍁 भक्ति जब संगीत में प्रवेश करती है, संगीत ” कीर्तन ” बन जाता है.।             🍁🍁 भक्ति जब घर में प्रवेश करती है, घर ” मन्दिर ” बन जाता है.।             🌸🌸 भक्ति जब कार्य में प्रवेश करती है, कार्य ” कर्म ” बन जाता है.।            🌸🌸 भक्ति जब क्रिया में प्रवेश करती है, क्रिया “सेवा ” बन जाती है.। और…            🌻🌻 भक्ति जब व्यक्ति में प्रवेश करती है, व्यक्ति ” मानव ” बन जाता है..।

प्रश्नोत्तर

|||||||||  प्रश्नोत्तर  ||||||||| Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ? Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!! 📒 Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ? Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!! 📒 Qus→संसार में दुःख क्यों है ? Ans→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!! 📒 Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ? Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!! 📒 Qus→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ? Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!! 📒 Qus→ भाग्य क्या है ? Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य

श्री राधा रहस्य

ब्रज धाम में किसी राजा का नहीं बल्कि रानी का राज चलता है ! और ये रानी कोई और नहीं, हमारी प्यारी लाडली सरकार श्री राधा रानी जी हैं ! श्री राधा जी को श्रीकृष्ण की आत्मा कहा जाता है ! ये श्री वृषभानु जी और कीर्तिदा जी की पुत्री थीं। पद्म पुराण में श्री वृषभानु जी को राजा बताते हुए कहा गया है कि यह राजा जब यज्ञ की भूमि साफ कर रहे थे तब उन्हें भूमि कन्या के रूप में श्री राधा मिली ! राजा ने उन्हें अपनी कन्या मानकर पालन पोषण किया। श्रीराधा जी के बारे में एक दूसरी कथा यह भी मिलती है कि भगवान श्रीविष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार लेते समय सभी देवताओं से पृथ्वी पर अवतार लेने के लिए कहा तो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माँ लक्ष्मी, राधा जी बनकर पृथ्वी पर आईं। श्री राधा जी के महात्म वर्णित स्तुति है, त्वं माता कृष्ण प्राणाधिका देवी कृष्ण प्रेममयी शक्ति शुभे, पूजितासी मया सा च या श्री कृष्णेन पूजिता, कृष्ण भक्ति प्रदे राधे नमस्ते मंगल प्रदे ! अर्थात – हे श्री राधा, आप श्री कृष्ण के प्राण (अधिष्ठात्री देवी) हैं तथा आप ही श्री कृष्ण की प्रेममयी शक्ति तथा शोभा हैं ! श्री कृष्ण भी जिनकी पूजा करते है

**** *अनमोल वचन *****

"लोग समझते हैं,कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ होते हैं,,,! "जबकि सच्चाई यह है,कि "नरम दिल" वाले बेवकूफ नही होते,,,! "वे बखूबी ये जानते हैं,कि लोग उनके साथ क्या कर रहे हैं,,,! "पर हर बार लोगों को माफ करना,,,! "यह जाहिर करता है,कि वो एक खूबसूरत “दिल” के मालिक हैं,,,! "और,वे “रिश्तों” को सँभालना बखूबी जानते हैं,,,! " इंसान तो हर घर मे जन्म लेता हैं,,,! " बस इंसानियत् कहीं-कहीं ही जन्म लेती हैं,,,!          

सीता के वनवास का रहस्य।

एक बार सीता  अपनी सखियों के साथ मनोरंजन के लिए महल के बाग में गईं. उन्हें पेड़ पर बैठे तोते का एक जोड़ा दिखा. दोनों तोते आपस में सीता के बारे में बात कर रहे थे. एक ने कहा-अयोध्या में एक सुंदर और प्रतापी कुमार हैं जिनका नाम श्रीराम है. उनसे जानकी का विवाह होगा.श्रीराम ग्यारह हजार वर्षों तक इस धरती पर शासन करेंगे. सीता-राम एक दूसरे केजीवनसाथी की तरह इस धरती पर सुख से जीवन बिताएंगे. सीता ने अपना नाम सुना तो दोनों पक्षी की बात गौर से सुनने लगीं. उन्हें अपने जीवन के बारे में और बातें सुनने की इच्छा हुई. सखियों से कहकर उन्होंने दोनों पक्षी पकड़वा लिए. सीता ने उन्हें प्यार से पुचकारा और कहा- डरो मत. तुम बड़ी अच्छी बातें करते हो. यह बताओ ये ज्ञान तुम्हें कहां से मिला. मुझसे भयभीत होने की जरूरत नहीं.  दोनों का डर समाप्त हुआ. वे समझ गए कि यह स्वयं सीता हैं. दोनों ने बताया कि वाल्मिकी नाम के एक महर्षि हैं. वे उनके आश्रम में ही रहते हैं. वाल्मिकी रोज राम-सीता जीवन की चर्चा करते हैं. वे यह सब सुना करते हैं और सब  कंठस्थ हो गया है. सीता ने और पूछा तो शुक ने कहा- दशरथ पुत्र राम शिव का धनु

डूबते हुए जहाज

एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जोकि इस प्रकार है – एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गयी. कप्तान ने शिप खाली करने का आदेश दिया. जहाज पर एक युवा दम्पति थे. जब लाइफबोट पर चढ़ने का उनका नम्बर आया तो देखा गया नाव पर केवल एक व्यक्ति के लिए ही जगह है. इस मौके पर आदमी ने औरत को धक्का दिया और नाव पर कूद गया. डूबते हुए जहाज पर खड़ी औरत ने जाते हुए अपने पति से चिल्लाकर एक वाक्य कहा. अब प्रोफेसर ने रुककर स्टूडेंट्स से पूछा – तुम लोगों को क्या लगता है, उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा ? ज्यादातर विद्यार्थी फ़ौरन चिल्लाये – स्त्री ने कहा – मैं तुमसे नफरत करती हूँ ! I hate you ! प्रोफेसर ने देखा एक स्टूडेंट एकदम शांत बैठा हुआ था, प्रोफेसर ने उससे पूछा कि तुम बताओ तुम्हे क्या लगता है ? वो लड़का बोला – मुझे लगता है, औरत ने कहा होगा – हमारे बच्चे का ख्याल रखना ! प्रोफेसर को आश्चर्य हुआ, उन्होंने लडके से पूछा – क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी ? लड़का बोला- जी नहीं, लेकिन यही बात बीमारी से मरती हुई मेरी माँ ने मेरे पिता से कही थी. प्रोफेसर ने